“पाक-सऊदी रक्षा समझौते पर भारत की चेतावनी: ‘राष्ट्रीय सुरक्षा हितों की रक्षा के लिए उठाएंगे सभी आवश्यक कदम'”

पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच हालिया रणनीतिक रक्षा समझौते तथा पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के विवादास्पद बयान के बाद भारत ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि वह इस समझौते के राष्ट्रीय सुरक्षा पर पड़ने वाले प्रभाव का गहन अध्ययन कर रहा है। भारत ने जोर देकर कहा कि क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखते हुए देश के सुरक्षा हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
यह प्रतिक्रिया ऐसे समय में सामने आई है जब पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक मीडिया साक्षात्कार में दावा किया कि भारत के साथ किसी भी सैन्य टकराव की स्थिति में सऊदी अरब पाकिस्तान का साथ देगा। आसिफ ने सवाल के जवाब में स्पष्ट शब्दों में कहा, “हां, इसमें कोई शक नहीं है।” उन्होंने यह भी कहा कि रणनीतिक पारस्परिक रक्षा समझौते के तहत किसी भी बाहरी हमले की स्थिति में दोनों देश एक-दूसरे का समर्थन करेंगे।
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “भारत इस घटनाक्रम का मूल्यांकन अपने राष्ट्रीय हितों और क्षेत्रीय-वैश्विक स्थिरता के दृष्टिकोण से कर रहा है। देश की सुरक्षा हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।” भारत की यह प्रतिक्रिया संयमित लेकिन दृढ़ है, जो दर्शाती है कि भारत स्थिति को गंभीरता से ले रहा है।
पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री इशाक डार ने कहा है कि सऊदी अरब के साथ इस समझौते के बाद अन्य देश भी पाकिस्तान के साथ ऐसे ही रणनीतिक समझौतों में रुचि ले सकते हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की सैन्य क्षमता और कूटनीतिक पहुंच के मद्देनजर यह समझौता भारत के लिए सीधा खतरा नहीं है, लेकिन इससे क्षेत्रीय रणनीतिक गतिशीलता पर असर पड़ सकता है।
भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह किसी भी प्रकार की चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है और अपनी सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देगा।