हरि भक्ति कला ट्रस्ट द्वारा आयोजित रामलीला में दिखी सनातन संस्कृति की झलक, दर्शकों ने भावविभोर होकर कलाकारों की तालियां बजाईं

श्री सनातन धर्म रामलीला समिति के तत्वाधान में हरि भक्ति कला ट्रस्ट द्वारा आयोजित रामलीला का भव्य मंचन नोएडा स्टेडियम में संपन्न हुआ। इस भक्ति और सांस्कृतिक आयोजन का निर्देशन प्रसिद्ध निर्देशक पंकज शर्मा द्वारा किया गया।
रामलीला की प्रस्तुति में हनुमान जी की श्रीराम से भेंट, श्रीराम एवं सुग्रीव मित्रता, बाली वध, लक्ष्मण जी का सुग्रीव के प्रति क्रोध, सुग्रीन द्वारा हनुमान जी एवं समस्त सेना को माता सीता की खोज में भेजना, संपाती प्रसंग, हनुमान जी द्वारा समुद्र लांघना, सुरसा, लंकिनी प्रसंग, विभीषण हनुमान जी संवाद, रावण सीताजी संवाद, हनुमान सीताजी संवाद, अक्षय कुमार वध मेघनाद हनुमान युद्ध, हनुमान रावण संवाद, लंका दहन तक की लीलाओं का सुंदर और प्रभावशाली मंचन किया गया। मंचन की शुरुआत श्रीराम एवं भक्त हनुमान जी के भेंट के साथ हुई, हनुमान जी ने शरीर एवं सुग्रीव की मित्रता की नींव रखी, तत्पश्चात सुग्रीव ने श्रीराम को माता सीता के आभूषण दिखाए, एवं अपने भाई के अत्याचार का भी विवरण दिया, जिस से क्रोधित होकर प्रभु राम ने बाली का वध कर दिया, तत्पश्चात सुग्रीन ने अपनी समस्त सेना को माता सीता की खोज के लिए भेज दिया, वहां संपाती से भेंट हुई जिसने हनुमान जी को बताए की माता सीता लंका में है जो समुद्र पार है, जामवंत जी ने हनुमान जी को उनका बल याद दिलाया जिससे हनुमान जी लंका जाने को तत्पर हुए, विभीषण जी से भेंट करने के उपरांत हनुमान जी सूक्ष्म रूप धरकर अशोक वाटिका के अंदर पहुंचे, जहां रावण सीता संवाद के उपरांत माता सीता को अपना परिचय दिया तथा आशिक वाटिका को तहस नहस कर दिया, रावण के पुत्र अक्षय कुमार का वध कर दिया, तत्पश्चात मेघनाद ने हनुमान जी को बंधन में बांध कर रावण के सम्मुख ले गया, जहां हनुमान जी ने रावण को समझाने की अत्यंत कोशिश की परन्तु रावण ने अपने अहंकार से ग्रस्त होकर हनुमान जी पूंछ जलाने का आदेश दे दिया, और हनुमान जी ने उसी अग्नि से पूरी लंका जला डाली..
श्रीराम के रूप में अभिमन्यु चौधरी
लक्ष्मण के रूप में गर्व गुप्ता
सीताजी के रूप में तानिया कौर अरोड़ा
हनुमानजी के रूप में मोहित शर्मा
रावण की भूमिका में – अमित शर्मा
मेघनाद की भूमिका में – मनीष
अक्षय के रूप में हरिओम
विभीषण की भूमिका में महेश
सुग्रीव की भूमिका में नितिन
प्रत्येक कलाकार ने अपने चरित्र में पूरी निष्ठा और भाव-भंगिमा से जान फूंक दी, जिससे दर्शकों ने भावविभोर होकर बार-बार तालियों से स्वागत किया। मंच पर प्रस्तुत दृश्य केवल नाटकीय नहीं थे, बल्कि उनमें सनातन संस्कृति धर्म, भक्ति और जीवन मूल्यों की सजीव झलक देखने को मिली। समिति के सदस्यों ने दर्शकों से आग्रह किया कि वे आगामी लीलाओं में भी सपरिवार उपस्थित होकर इस पावन आयोजन का आनंद ले।
आज मंचन के दौरान डा. टी.एन. गोविल, टी एन चौरसिया, अल्पेश गर्ग, अतुल मित्तल, अनुज गुप्ता, सत्यनारायण गोयल, संजय गोयल, पंकज जिंदल, विपिन बंसल, राजीव अजमानी, प्रदीप अग्रवाल, संजय गुप्ता, सुशील भारद्वाज, मित्रा शर्मा, विपिन मलहन, संजय जैन, राजीव अजवानी, भूपेन्द्र सिंह, दिनेश जैन, चंद्रपाल सिंह, शुभकरण सिंह राणा, रमेश कुमार, चितरंजन कुमार, कुलदीप गोयल, के के दत्ता, पीयूष द्विवेदी, परवेश बंसल, महेश चौहान, पुष्कर शर्मा, उपस्थित रहें।
संजय बाली
महासचिव
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