चौंकाने वाला आंकड़ा: देश के 92% बच्चे मोबाइल पर सबसे ज्यादा खेलते हैं गेम, सरकारी रिपोर्ट में खुलासा

डिजिटल युग में बच्चों की बढ़ती स्क्रीन डिपेंडेंसी पर केंद्र सरकार की एक नई रिपोर्ट ने चिंता बढ़ा दी है। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की ‘चिल्ड्रन इन इंडिया 2025’ रिपोर्ट के मुताबिक, जिन बच्चों के पास मोबाइल फोन की पहुंच है, उनमें से 92% इसका इस्तेमाल सबसे ज्यादा ऑनलाइन गेम खेलने के लिए करते हैं।
रिपोर्ट देश के बच्चों की डिजिटल आदतों पर गहराई से रोशनी डालती है, जिसके प्रमुख निष्कर्ष इस प्रकार हैं:
बच्चों की डिजिटल दुनिया का गेटवे बना मोबाइल
रिपोर्ट साफतौर पर दिखाती है कि बच्चे इंटरनेट की दुनिया में दाखिल होने के लिए मोबाइल फोन पर निर्भर हैं।
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62% बच्चे अपने माता-पिता के मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं।
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महज 19% बच्चों के पास ही लैपटॉप या टैबलेट जैसे डिवाइस उपलब्ध हैं।
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8 से 18 साल की उम्र के करीब 30% बच्चों के पास उनका अपना निजी मोबाइल फोन है।
ये आंकड़े दर्शाते हैं कि डिजिटल इंडिया के इस दौर में बच्चों की मोबाइल पर निर्भरता लगातार बढ़ रही है।
गेमिंग हुई सबसे बड़ी आकर्षण का केंद्र
सबसे चौंकाने वाला पहलू यह है कि बच्चे मोबाइल का इस्तेमाल सबसे ज्यादा किस लिए कर रहे हैं। रिपोर्ट में सामने आए आंकड़े बताते हैं कि मनोरंजन, शिक्षा से कहीं आगे निकल गया है:
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गेम खेलना: 94.8% बच्चे
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सोशल मैसेजिंग ऐप (जैसे व्हाट्सएप): 40% बच्चे
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गाने सुनना: 31.3% बच्चे
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पढ़ाई का सामान डाउनलोड करना: 31% बच्चे
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ऑनलाइन कक्षाएं लेना: 20.8% बच्चे
निष्कर्ष: क्या है भविष्य का संदेश?
‘चिल्ड्रन इन इंडिया 2025’ रिपोर्ट एक स्पष्ट संदेश देती है: डिजिटल दुनिया भारतीय बच्चों के जीवन का एक अनिवार्य और बड़ा हिस्सा बन चुकी है। हालांकि, गेमिंग का यह जबर्दस्त आकर्षण माता-पिता और शिक्षकों के लिए एक बड़ी चुनौती भी पेश करता है। यह रिपोर्ट बच्चों के स्क्रीन टाइम, ऑनलाइन सुरक्षा और डिजिटल तथा वास्तविक दुनिया के बीच एक स्वस्थ संतुलन बनाने की जरूरत को रेखांकित करती है। तकनीक का लाभ उठाना जरूरी है, लेकिन यह भी सुनिश्चित करना होगा कि यह बच्चों के सर्वांगीण विकास में सहायक बने।