ट्रंप की ‘टैरिफ तूफान’ ने डुबोए भारतीय बाजार, फार्मा शेयरों की दिखी बुरी हालत

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 100% आयात शुल्क के ऐलान ने भारतीय शेयर बाजार में सुनामी ला दी है। शुक्रवार को बाजार खुलते ही फार्मा कंपनियों के शेयर आग की तरह लुढ़के, जिससे निवेशकों को एक ही दिन में लगभग 4 लाख करोड़ रुपये का भारी झटका लगा।
बाजार लगातार छठे दिन मंदी के साये में रहा। सेंसेक्स 451 अंक गिरकर 80,708 पर और निफ्टी 132 अंक टूटकर 24,759 पर आ गया। लेकिन असली तबाही फार्मा सेक्टर में देखने को मिली।
फार्मा कंपनियों का हाल-बेहाल
BSE का हेल्थकेयर इंडेक्स 2.37% की बड़ी गिरावट के साथ 42,944 पर पहुंच गया। सन फार्मा, डॉ. रेड्डीज और बायोकॉन जैसे दिग्गज भी इस मार से नहीं बच सके। कैप्लिन प्वाइंट जैसे शेयर तो 6% तक लुढ़क गए।
निवेशकों के सपने डूबे
बाजार की कुल पूंजी 457 लाख करोड़ रुपये से गिरकर 453 लाख करोड़ रुपये रह गई। यानी महज कुछ घंटों में निवेशकों की 4 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति पानी में डूब गई।
आगे क्या होगा?
विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप की यह कार्रवाई वैश्विक व्यापार के लिए खतरे की घंटी है। अगर अमेरिका ने अपनी टैरिफ नीति और सख्त की, तो भारत के फार्मा के अलावा किचनवेयर, फर्नीचर और ऑटो जैसे निर्यातकों को भी भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है।
क्यों है फार्मा सेक्टर को इतना झटका?
भारत अमेरिका को जेनरिक दवाओं का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है। ट्रंप के इस कदम से भारतीय दवा कंपनियों की अमेरिकी बाजार में प्रतिस्पर्धा सीधे तौर पर प्रभावित होगी, जिसका असर उनकी कमाई पर पड़ेगा।