वैश्विक मंचों पर भारत की सख़्त आवाज़: जयशंकर ने आतंकवाद के ‘दोहरे मानदंडों’ की कड़ी निंदा की

संयुक्त राष्ट्र महासभा के मौके पर आयोजित जी-20 विदेश मंत्रियों की बैठक में भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने आतंकवाद के खिलाफ दुनिया भर में अपनाए जा रहे “दोहरे मानदंडों” पर जोरदार प्रहार किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि आतंकवाद किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है और वैश्विक सुरक्षा के साथ-साथ विकास के लिए सबसे बड़ा खतरा है।
भले ही डॉ. जयशंकर ने किसी खास देश का नाम नहीं लिया, लेकिन उनके भाषण ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय में एक स्पष्ट संदेश भेजा। उन्होंने कहा, “ऐसे देश जो आतंकवादियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करते हैं, वे पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय की सेवा करते हैं। दुनिया को आतंकवाद के प्रति न तो सहिष्णुता दिखानी चाहिए और न ही किसी प्रकार का समर्थन।”
वैश्विक अर्थव्यवस्था और श्रमिकों के भविष्य पर जोर
इसके अलावा, एक अन्य कार्यक्रम में बोलते हुए विदेश मंत्री ने बदलती वैश्विक परिस्थितियों में ‘ग्लोबल वर्कफोर्स’ की बढ़ती मांग और राष्ट्रीय जनसांख्यिकीय चुनौतियों की ओर ध्यान दिलाया। उन्होंने कहा कि अब देशों को केवल उत्पादन पर ही नहीं, बल्कि बाजारों तक सुरक्षित पहुंच सुनिश्चित करने पर भी ध्यान देना होगा। डॉ. जयशंकर के अनुसार, वैश्विक सहयोग ही आतंकवाद और आर्थिक अनिश्चितताओं से निपटने का सबसे मजबूत हथियार है।
अन्य वैश्विक घटनाक्रम:
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अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र के स्वास्थ्य घोषणापत्र को ठुकराया: ट्रंप प्रशासन ने एक स्वास्थ्य घोषणापत्र को “विवादास्पद प्रावधानों” और विश्व स्वास्थ्य संगठन की भूमिका को लेकर अस्वीकार कर दिया है।
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बलोचिस्तान में हिंसा: पाकिस्तान के बलोचिस्तान प्रांत में सुरक्षा बलों के शिविर पर हमला हुआ है, जबकि सोराब क्षेत्र में अज्ञात बंदूकधारियों ने सुरक्षाकर्मियों के हथियार और वाहन छीन लिए। इसके साथ ही, एक बलोच नेता जुबैर बलोच की हत्या के विरोध में बड़े पैमाने पर निंदा और विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।