नाम, चेहरा और इज्जत के लिए कोर्ट पहुंच रहे सितारे, क्या है Personality Rights?

सेलेब्रिटीज अब अपने ‘व्यक्तित्व अधिकारों’ (Personality Rights) की सुरक्षा के लिए तेजी से अदालत का रुख कर रहे हैं। हाल ही में अभिनेता अभिषेक बच्चन, ऐश्वर्या राय बच्चन और फिल्म निर्माता करण जौहर ने दिल्ली हाई कोर्ट में अपनी छवि, नाम और आवाज के गैर-कानूनी इस्तेमाल के खिलाफ याचिका दायर की है। AI और डीपफेक टेक्नोलॉजी के इस दौर में यह सवाल और भी अहम हो गया है कि आखिर ये व्यक्तित्व अधिकार हैं क्या?
मुख्य बिंदु:
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अभिषेक-ऐश्वर्या और करण जौहर ने की व्यक्तित्व अधिकार उल्लंघन की शिकायत
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कोर्ट ने बच्चन कपल को दी अंतरिम राहत, जौहर की याचिका पर 17 सितंबर को सुनवाई
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AI और डीपफेक टेक्नोलॉजी ने बढ़ाया प्रसिद्ध लोगों के लिए खतरा
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भारत में व्यक्तित्व अधिकारों के लिए कोई समर्पित कानून नहीं, लेकिन अन्य कानूनों से मिलता है संरक्षण
क्या है व्यक्तित्व अधिकार?
व्यक्तित्व अधिकार (Personality Rights या Publicity Rights) किसी व्यक्ति को यह अधिकार देते हैं कि वह अपने नाम, तस्वीर, आवाज, हस्ताक्षर या किसी अन्य पहचान योग्य तत्व के व्यावसायिक या गैर-व्यावसायिक इस्तेमाल पर नियंत्रण रख सके। बिना अनुमति के इन तत्वों का इस्तेमाल करना कानूनन उल्लंघन माना जाता है।
AI के दौर में बढ़ा खतरा
ऐश्वर्या राय बच्चन ने अपनी याचिका में खासतौर पर AI जनित अश्लील कंटेंट का जिक्र किया है। डीपफेक टेक्नोलॉजी की मदद से अब किसी की भी वास्तविक जैसी नकली वीडियो या ऑडियो बनाकर उनकी छवि को नुकसान पहुंचाना आसान हो गया है। अदालत ने भी कहा कि ऐसे उल्लंघनों पर आंखें मूंदी नहीं रह सकतीं।
भारत में कानूनी स्थिति
भारत में व्यक्तित्व अधिकारों के लिए कोई अलग कानून नहीं है, लेकिन संविधान का अनुच्छेद 21 (जीवन और निजता का अधिकार), ट्रेडमार्क एक्ट, कॉपीराइट एक्ट और IT एक्ट जैसे कानूनों के तहत इन्हें संरक्षण दिया जाता है। अदालतें भी इन अधिकारों की रक्षा के लिए लगातार सक्रिय भूमिका निभा रही हैं।