देहरादून के इस गांव को खाली कर रहे लोग, क्या है वजह?

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में सोमवार देर रात सहस्त्रधारा क्षेत्र में बादल फटने से भारी तबाही का मंजर सामने आया है। सहस्त्रधारा से करीब पांच-छह किलोमीटर दूर कालीगाड और आसपास के गांवों में पानी और मलबे के तेज बहाव ने लोगों के घरों को क्षतिग्रस्त कर दिया है। कई मकानों और होटलों में मलबा घुसने के बाद ग्रामीण दहशत में अपने घर-आंगन छोड़कर सुरक्षित जगहों की ओर पलायन करने लगे हैं।
मुख्य बिंदु:
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सहस्त्रधारा क्षेत्र में बादल फटने से भारी तबाही
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कालीगाड और आसपास के गांवों में पानी और मलबे का तेज बहाव
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ग्रामीण सुरक्षित स्थानों की ओर कर रहे पलायन
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SDRF और NDRF की टीमें राहत-बचाव कार्य में जुटी
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि रातभर पहाड़ से पानी और मलबा लगातार नीचे उतरता रहा, जिससे कई घर पूरी तरह डूब गए। SDRF और NDRF की टीमें राहत-बचाव कार्य में जुटी हुई हैं और कालीगाड में फंसे लोगों को निकालने की कोशिशें लगातार जारी हैं।
पर्यटन स्थल सहस्त्रधारा को भारी नुकसान
देहरादून की पहचान माने जाने वाली सहस्त्रधारा पर इस आपदा ने सबसे गहरी चोट की है। बादल फटने की मार इतनी भयानक रही कि कई होटल ताश के पत्तों की तरह बिखर गए, दुकानों का सामान बह गया और कारोबारियों की रोज़ी-रोटी छिन गई।
नदियों का रौद्र रूप और हाईवे पर संकट
देहरादून में बादल फटने और भारी बारिश ने नदियों को भयावह रूप दे दिया है। टपकेश्वर महादेव मंदिर से बहने वाली तमसा नदी का तेज प्रवाह अब खतरनाक हो गया है। वहीं, देहरादून-हिमाचल को जोड़ने वाला नेशनल हाईवे 72 नंदा की चौकी के पास मुख्य पुल ढह जाने से पूरी तरह ठप हो गया है।