कब तक चलेगी नेपाल की अंतरिम सत्ता? पिछला रिकॉर्ड छोड़ गया बड़ा सबक

नेपाल की राजनीति एक बार फिर बदलाव के दौर से गुजर रही है। हिंसा और आगजनी की ताजा घटनाओं के बीच सुशीला कार्की की अगुवाई में नई अंतरिम सरकार ने सत्ता संभाली है। यह वही नेपाल है, जिसने कभी लगभग नौ साल तक अंतरिम शासन का लंबा दौर देखा था। अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या मौजूदा अंतरिम सरकार कुछ ही महीनों में हालात को पटरी पर ला पाएगी या फिर यह प्रयोग भी लंबा खिंच जाएगा?
अंतरिम सरकार क्यों बनती है?
अंतरिम सरकार तब गठित की जाती है जब किसी देश में राजनीतिक अस्थिरता, शासन परिवर्तन या नए संविधान निर्माण जैसी परिस्थितियाँ उत्पन्न हों। इसका उद्देश्य होता है:
लोकतांत्रिक संक्रमण को सहज बनाना
स्थायी सरकार बनने तक प्रशासन चलाना
आवश्यक राजनीतिक सहमति तैयार करना
हालांकि इसका वास्तविक कार्यकाल संविधान और राजनीतिक परिस्थितियों पर निर्भर करता है। आदर्श रूप में यह कुछ महीनों से लेकर एक वर्ष तक ही सीमित होती है।
अंतरिम सरकारों का विश्व रिकॉर्ड
नेपाल (2006–2015): नौ साल का रिकॉर्ड – गृहयुद्ध और राजनीतिक असहमति के कारण
कंबोडिया (1991–1993): दो साल – संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में
दक्षिण अफ्रीका (1994–1996): दो साल – रंगभेद समाप्ति के बाद
इराक (2003–2005): दो साल – सद्दाम हुसैन के पतन के बाद
बांग्लादेश (1990, 2006–2008, 2024–अब तक): कई बार अंतरिम सरकार का अनुभव
अंतरिम सरकार की चुनौतियाँ
स्थायित्व का अभाव
राजनीतिक अस्थिरता
विकास कार्य बाधित
संवैधानिक अनिश्चितता
फिलहाल नेपाल की नई अंतरिम सरकार के सामने दोहरी चुनौती है—एक ओर अराजक तत्वों द्वारा जलाए गए अहम भवनों और संस्थानों की भरपाई करनी है, तो दूसरी ओर देश को चुनाव और स्थायी शासन की ओर ले जाना है।