यूपी चुनाव 2027 से पहले बड़ी कार्रवाई: चुनाव आयोग ने 127 राजनीतिक दलों को जारी किया ‘कारण बताओ’ नोटिस, शिवपाल यादव की पार्टी भी शामिल

उत्तर प्रदेश में 2027 के विधानसभा चुनावों की तैयारियों के बीच चुनाव आयोग ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रदेश के 127 राजनीतिक दलों को ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी किए हैं। इन दलों में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) का नाम भी शामिल है।
नियमों का पालन नहीं करने पर मिली नोटिस
मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय, लखनऊ के अनुसार इन सभी 127 दलों ने चुनाव आयोग के नियमों का पालन नहीं किया है। इन दलों ने पिछले तीन वित्तीय वर्षों (2021-22, 2022-23 और 2023-24) के वार्षिक लेखापरीक्षित खाते समय पर पेश नहीं किए हैं। साथ ही, 2019 के बाद हुए विधानसभा और लोकसभा चुनावों में भाग लेने के बावजूद इन दलों ने निर्वाचन व्यय विवरणी भी दाखिल नहीं की है।
3 अक्टूबर तक देना होगा जवाब
चुनाव आयोग ने इन सभी दलों को 3 अक्टूबर, 2025 तक अपना जवाब देने का निर्देश दिया है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि यदि निर्धारित तिथि तक जवाब नहीं दिया गया तो इन दलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें उनके पंजीकरण रद्द होने की भी संभावना है। इस मामले की सुनवाई 6 से 9 अक्टूबर के बीच होगी।
शिवपाल यादव की पार्टी सहित इन दलों को मिली नोटिस
नोटिस प्राप्त करने वाले दलों में आदर्शवादी कांग्रेस पार्टी, अभय समाज पार्टी, अखंड राष्ट्रवादी पार्टी, बहुजन पार्टी, आज़ाद समाज पार्टी, जनहित किसान पार्टी, जनता राज पार्टी, हमदर्द पार्टी, लोकदल, लोकतांत्रिक जनशक्ति पार्टी, प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया), राष्ट्रीय अपना दल, राष्ट्रीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय राष्ट्रवादी पार्टी जैसे दल शामिल हैं।
चुनावी पारदर्शिता की ओर बड़ा कदम
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आयोग की यह कार्रवाई आगामी विधानसभा चुनावों से पहले चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल कागजी दलों पर अंकुश लगेगा बल्कि गंभीर राजनीतिक दलों के लिए भी यह एक चेतावनी का काम करेगा।
अब सभी की नजर 3 अक्टूबर की समयसीमा पर टिकी है, जब यह स्पष्ट होगा कि कौन-से दल अपना पंजीकरण बचा पाते हैं और कौन-से दल चुनावी प्रक्रिया से बाहर हो जाते हैं।