वेदांता ने 17,000 करोड़ में खरीदा JP ग्रुप, ग्रेटर नोएडा के विकास की नई उम्मीद

उत्तर भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में एक युग का अंत हो गया है। जयप्रकाश गौड़ के साम्राज्य जयप्रकाश एसोसिएट्स (JAL) का अधिग्रहण अब वेदांता ग्रुप ने कर लिया है। वेदांता ग्रुप ने NCLT की नीलामी में 17,000 करोड़ रुपये की सर्वोच्च बोली लगाकर इस डील पर कब्जा जमाया है।
कैसे हुआ अधिग्रहण?
जेपी ग्रुप के ऋणदाताओं ने दिवाला और दिवालियापन संहिता (IBC) के तहत कंपनी की बिक्री की प्रक्रिया शुरू की थी। इस नीलामी में अडानी ग्रुप और वेदांता ग्रुप के बीच कड़ा मुकाबला हुआ, लेकिन वेदांता ने 17,000 करोड़ रुपये की बोली लगाकर डील अपने नाम कर ली। बता दें कि जेपी ग्रुप पर कुल 57,185 करोड़ रुपये का कर्ज था।
वेदांता को क्या मिला?
-
ग्रेटर नोएडा में जेपी ग्रीन्स और विश टाउनशिप जैसी प्रमुख रियल एस्टेट परियोजनाएं
-
दिल्ली-एनसीआर में तीन कॉमर्शियल और औद्योगिक परिसर
-
दिल्ली-एनसीआर, मसूरी और आगरा में पांच होटल संपत्तियां
-
उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में चार सीमेंट प्लांट
-
मध्य प्रदेश में चूना पत्थर की कई खदानें
क्यों दिवालिया हुआ जेपी ग्रुप?
जेपी एसोसिएट्स ने ग्रेटर नोएडा के विकास और यमुना एक्सप्रेसवे जैसे प्रोजेक्ट्स में अहम भूमिका निभाई, लेकिन पिछले कुछ सालों में कंपनी को भारी आर्थिक नुकसान हुआ। ऋणों की चुकौती न कर पाने के कारण कंपनी दिवालिया हो गई।
आगे की राह क्या है?
वेदांता ग्रुप के इस अधिग्रहण के बाद अब उम्मीद की जा रही है कि जेपी ग्रुप की अधूरी परियोजनाओं को नया जीवन मिलेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि वेदांता की वित्तीय ताकत से ग्रेटर नोएडा और आसपास के इलाकों के विकास को गति मिलेगी।