यमुना का जलस्तर घटा, पर दिल्ली में अभी भी बरकरार है खतरा; पंजाब-हिमाचल में तबाही के आंकड़े चौंकाने वाले

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में यमुना नदी का बढ़ता जलस्तर लगातार चिंता का कारण बना हुआ है। हालांकि शनिवार सुबह पुराने रेलवे ब्रिज (लोहा पुल) पर जलस्तर में मामूली गिरावट दर्ज की गई, लेकिन यह अभी भी खतरे के निशान से काफी ऊपर बना हुआ है। शनिवार सुबह जलस्तर 206.47 मीटर दर्ज किया गया, जबकि शुक्रवार को यह 207.33 मीटर के रिकॉर्ड स्तर को छू गया था।
निचले इलाकों में जारी है राहत और बचाव कार्य
दिल्ली प्रशासन नदी के तटीय इलाकों में रहने वाले नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम जारी रखे हुए है। मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेस-वे, मयूर विहार और कश्मीरी गेट सहित कई स्थानों पर अस्थायी राहत शिविर बनाए गए हैं। प्रशासन द्वारा 206 मीटर के स्तर से ही लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम शुरू कर दिया गया था।
हरियाणा से छोड़ा जा रहा पानी खतरे की बड़ी वजह
संकट की एक बड़ी वजह हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से लगातार पानी छोड़ा जाना है। शनिवार सुबह हथिनीकुंड से 50,629 क्यूसेक और वज़ीराबाद बैराज से लगभग 1,17,260 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। चिंता की बात यह है कि हथिनीकुंड से छोड़ा गया पानी दिल्ली पहुंचने में 48 से 50 घंटे का समय लेता है।
पंजाब में 1988 के बाद की सबसे भीषण बाढ़
भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड के अध्यक्ष मनोज त्रिपाठी के अनुसार, पंजाब में इस बार 1988 के बाद का सबसे भीषण हालात है। उन्होंने बताया कि 1988 में पौंग बांध में 7.9 बिलियन क्यूबिक मीटर पानी आया था, जबकि इस साल यह आंकड़ा 11.7 बीसीएम तक पहुंच गया है। पंजाब में करीब 2,000 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।
हिमाचल और राजस्थान में भी भारी तबाही
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में कीरतपुर-मनाली फोरलेन पर बनी सुरंग का दक्षिणी हिस्सा धंस गया है। कुल्लू में इनर अखाड़ा बाजार के मलबे से तीन शव बरामद किए गए हैं। वायुसेना के हेलीकॉप्टरों ने चंबा जिले में फंसे 524 श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकाला। राजस्थान में दौसा जिले का मोरल बांध टूटने से आसपास के इलाके जलमग्न हो गए हैं।
सेना ने संभाला मोर्चा
इस बार राहत और बचाव कार्य में सेना की मदद भी ली गई है। शुक्रवार को झज्जर के बहादुरगढ़ में सेना के 80 जवानों ने मोर्चा संभाला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही बाढ़ प्रभावित राज्यों का दौरा कर स्थिति का जायजा लेंगे।
नागरिकों से की गई अपील
प्रशासन की ओर से दिल्लीवासियों से अपील की गई है कि वे नदी के किनारे के इलाकों में न जाएं और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।