उत्तर प्रदेश के पूर्व बसपा विधायक को 31 साल पुराने हत्या मामले में उम्रकैद की सजा

उत्तर प्रदेश में 31 साल पुराने एक सामूहिक हत्या मामले में बहुजन समाज पार्टी के पूर्व विधायक छोटे सिंह चौहान को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। उरई के एमपी-एमएलए कोर्ट में न्यायाधीश भारतेंदु सिंह ने यह सजा सुनाते हुए पूर्व विधायक को दोषी करार दिया।
सजा सुनाए जाने के बाद छोटे सिंह चौहान ने गुरुवार को अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस ने उन्हें तुरंत हिरासत में ले लिया और जेल भेज दिया। कोर्ट परिसर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे क्योंकि पूर्व विधायक के कई समर्थक वहां मौजूद थे।
31 साल पुराना मामला
यह मामला 30 मई 1994 का है, जब उरई के चुर्खी थाना क्षेत्र के बिनौरा बैध गांव में ग्राम प्रधान पद के चुनाव को लेकर हुई रंजिश के चलते दो सगे भाइयों राजकुमार उर्फ राजा भइया और जगदीश शरण की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
घटना का विवरण
मृतकों के भाई रामकुमार की शिकायत के अनुसार, उस दिन दोपहर करीब 11:30 बजे वह अपने भाइयों और अन्य लोगों के साथ कोठी वाले मकान के बरामदे में बैठा हुआ था। तभी रुद्रपाल सिंह उर्फ लल्ले गुर्जर, राजा सिंह, संतावन सिंह गुर्जर, करन सिंह उर्फ कल्ले और दो अज्ञात लोग हथियारों के साथ अंदर घुस आए। रुद्रपाल ने कहा – “सभी को घेर लो, कोई जिंदा न बच पाए”। इसके बाद उन्होंने अंधाधुंध फायरिंग कर दी।
कोर्ट ने इस मामले में पूर्व विधायक छोटे सिंह चौहान को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। सजा सुनाए जाने के बाद से चौहान फरार थे, लेकिन आज उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया।