फर्जी आईएएस के राज से पर्दा उठा, पीए सहित दो गिरफ्तार; VIP कल्चर पर उठे सवाल

उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई में खुद को आईएएस अधिकारी बताकर लखनऊ में शाही अंदाज में जीवन जी रहे एक शातिर ठग के गिरोह का भंडाफोड़ किया है। मुख्य आरोपी सौरभ त्रिपाठी और उसके फर्जी निजी सचिव गौरव पांडेय को गिरफ्तार किया गया है।
यह मामला तब सामने आया जब लखनऊ पुलिस की एक पेट्रोलिंग टीम ने कारगिल शहीद पार्क के पास नीली बत्ती वाली एक शानदार कार पर संदेह जताया। कार में सवार व्यक्ति ने खुद को आईएएस अधिकारी बताया, लेकिन पुलिस की सख्त पूछताछ में उसकी पोल खुल गई। पता चला कि वह व्यक्ति, सौरभ त्रिपाठी, नोएडा का रहने वाला एक फर्जीवाड़ा था।
गिरफ्तारी के बाद की जांच में पुलिस को चौंकाने वाले खुलासे हुए। त्रिपाठी के कब्जे से आधा दर्जन लग्जरी कारें, फर्जी आईएएस पहचान पत्र, सरकारी प्रोटोकॉल के नकली दस्तावेज और वाहनों के लिए हूटर बरामद हुए। हैरानी की बात यह है कि त्रिपाठी का रुतबा इतना था कि वह बड़े-बड़े अधिकारियों और नेताओं की बैठकों में शामिल होता था और बिना किसी सवाल-जवाब के VIP सुविधाओं का लुफ्त उठाता था।
मामले में नया मोड़ तब आया जब त्रिपाठी से पूछताछ के दौरान उसके सहयोगी गौरव पांडेय का पता चला, जो उसका फर्जी पीए बनकर काम करता था। पुलिस ने पांडेय को भी गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में खुलासा हुआ कि पांडेय ही त्रिपाठी के सोशल मीडिया खाते चलाता था, उसके लिए विभिन्न जिलों में VIP प्रोटोकॉल की व्यवस्था करता था और एक फर्जी NIC आईडी की मदद से सरकारी सुविधाएं हासिल करता था।
इस मामले ने प्रशासनिक व्यवस्था में चौंकाने वाली कमजोरियों को उजागर किया है। पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि यह गिरोह इतने लंबे समय तक बिना पकड़े कैसे काम करता रहा और सिस्टम में मौजूद खामियों का फायदा उठाता रहा। पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि अगर किसी ने इन आरोपियों से ठगी का शिकार होने की सूचना दें।
यह मामला उन लोगों के लिए एक चेतावनी है जो फर्जी पहचान बनाकर समाज और सिस्टम को ठगते हैं। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि ऐसे मामलों में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।