बिहार 2025: ओवैसी की ‘न्याय यात्रा’ से सीमांचल में कांपेगी RJD की नींव? चुनावी समीकरणों में बदलाव के संकेत

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने आज से सीमांचल में चार दिवसीय ‘न्याय यात्रा’ शुरू की है। यह यात्रा ऐसे वक्त में शुरू हो रही है जब सीमांचल के 24 विधानसभा क्षेत्रों में राजनीतिक समीकरण तेजी से बदल रहे हैं।
यात्रा का उद्देश्य:
ओवैसी ने कहा कि यह यात्रा “सीमांचल के विकास की अनदेखी और क्षेत्र के पिछड़ेपन” को उजागर करने का मंच होगी। किशनगंज से शुरू होकर यह यात्रा रोड शो, नुक्कड़ सभाओं और जनसंपर्क कार्यक्रमों के जरिए आगे बढ़ेगी।
सीटों का गणित:
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सीमांचल के 24 सीटों में मुस्लिम आबादी 39% से 68% के बीच है
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AIMIM की नजर 8 प्रमुख सीटों पर है जहाँ 2020 में उसे सफलता मिली थी
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2020 में AIMIM ने 5 सीटें जीतीं, लेकिन 2022 में 4 विधायक RJD में चले गए
राजनीतिक चुनौतियाँ:
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RJD का पारंपरिक दबदबा: मुस्लिम मतदाताओं पर RJD की मजबूत पकड़
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नई प्रतिस्पर्धा: प्रशांत किशोर की ‘जन सुराज’ पार्टी का प्रवेश
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दलबदल का खतरा: पिछले अनुभव के बाद विधायकों की वफादारी पर सवाल
विशेषज्ञ नजरिया:
राजनीतिक विश्लेषक डॉ. अंकित शर्मा कहते हैं, “सीमांचल में इस बार त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना है। अगर महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर मतभेद हुआ तो AIMIM को फायदा मिल सकता है।”
आगे की राह:
ओवैसी की इस यात्रा का उद्देश्य न केवल चुनावी समर्थन जुटाना है, बल्कि सीमांचल के मुद्दों को राष्ट्रीय स्तर पर उठाना भी है। 2025 का चुनाव इस क्षेत्र में AIMIM की स्थिरता और विकास के मुद्दे पर केंद्रित होगा।
निष्कर्ष:
सीमांचल में ओवैसी की ‘न्याय यात्रा’ 2025 चुनावों की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएगी। इस यात्रा के परिणाम न केवल AIMIM के भविष्य, बल्कि पूरे बिहार की राजनीति को प्रभावित करेंगे।