प्लॉट विवाद में भाजपा नेता को धमकियां, एसआईटी कर रही जांच

उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक प्लॉट विवाद ने गंभीर आपराधिक आरोपों का रूप ले लिया है। भाजपा नेता और अधिवक्ता मनोज सिंह ने अखिलेश दुबे और उसके सहयोगियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्हें जान से मारने की धमकी दी जा रही है और झूठे मुकदमों में फंसाया जा रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए अब विशेष जांच दल (एसआईटी) को इसकी जांच सौंपी गई है।
विवाद की जड़ है प्लॉट
मनोज सिंह के अनुसार, यह विवाद साल 2021 में रतनलाल नगर में खरीदे गए एक प्लॉट को लेकर शुरू हुआ। उनका आरोप है कि प्लॉट के पूर्व मालिक के बेटे विपिन बजाज और उसकी पत्नी रितिका ने अखिलेश दुबे के निर्देश पर, उनके खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज कराया। 2023 में गोविंद नगर थाने में मनोज सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी और कूटरचित दस्तावेज बनाने का मामला दर्ज किया गया। हालांकि, सबूतों के अभाव में पुलिस ने इस मामले को बंद कर दिया।
जारी रहीं धमकियां
मनोज सिंह का कहना है कि मुकदमा बंद होने के बावजूद धमकियां बंद नहीं हुईं। उन्होंने बताया कि 22 अप्रैल 2025 को कचहरी परिसर में टोनू यादव और दीनू उपाध्याय ने उन्हें सीधे तौर पर धमकी दी कि अगर प्लॉट विपिन के नाम नहीं किया गया तो उनके लिए “जेल से बाहर आना मुश्किल हो जाएगा।”
मीडिया को धमकाने की कोशिश
मामला तब और गर्माया जब अखिलेश दुबे ने अदालत में पत्रकारों को सीधे धमकाते हुए कहा, “इनका तमाशा बंद करो। एक-एक की पहचान कर रहा हूं।” इस घटना के बाद पुलिस ने मामले को और गंभीरता से लेते हुए खुफिया इकाई से रिपोर्ट तलब की।
एसआईटी कर रही है जांच
अब इस पूरे मामले की जिम्मेदारी एसआईटी को सौंपी गई है। विशेष जांच दल भाजपा नेता मनोज सिंह को दी जा रही धमकियों और उनके खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज कराने की alleged साजिश की पूरी तहकीकात कर रही है। जांच के आधार पर ही आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।