योगी सरकार के 15 बड़े फैसले, आउटसोर्सिंग से लेकर ई-बसों तक का ऐलान

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में 15 अहम फैसले किए, जिनका सीधा असर प्रदेश की अर्थव्यवस्था, शिक्षा, रोजगार और बुनियादी ढांचे पर पड़ने वाला है। सबसे बड़ा कदम आउटसोर्सिंग सेवाओं को पारदर्शी बनाने के लिए उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम लिमिटेड के गठन के रूप में सामने आया है।
आउटसोर्सिंग व्यवस्था में सुधार
नई व्यवस्था में चयन प्रक्रिया पूरी तरह निगम के जरिए होगी, वेतन सीधे खातों में जाएगा और कर्मचारियों को 16 से 20 हजार रुपये मासिक मानदेय सुनिश्चित होगा। एससी, एसटी, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस, दिव्यांगजन और महिलाओं को आरक्षण मिलेगा। सरकार का दावा है कि यह कदम रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा।
लखनऊ-कानपुर में ई-बस परियोजना
शहरी परिवहन को आधुनिक बनाने के लिए लखनऊ और कानपुर में नेट कॉस्ट कॉन्ट्रैक्ट मॉडल पर ई-बसें चलाने का फैसला किया गया है। 10-10 रूटों पर एसी ई-बसें चलेंगी। निजी ऑपरेटर बसों की खरीद से लेकर संचालन तक जिम्मेदार होंगे, जबकि किराया तय करने का अधिकार सरकार के पास रहेगा।
नई निर्यात प्रोत्साहन नीति
प्रदेश को ग्लोबल एक्सपोर्ट हब बनाने के लिए नई नीति 2025-30 लाई गई है। इसमें डिजिटल टेक्नॉलॉजी, वित्तीय सहायता और प्रशिक्षण पर जोर दिया जाएगा। लक्ष्य 2030 तक पंजीकृत निर्यातकों की संख्या 50% बढ़ाने का है।
शाहजहांपुर में स्वामी शुकदेवानंद विश्वविद्यालय की स्थापना का भी फैसला किया गया है। मौजूदा 5 शैक्षणिक संस्थानों को अपग्रेड कर विश्वविद्यालय बनाया जाएगा।