दिल्ली में यमुना का जलस्तर घटा, मगर निचले इलाके अब भी जलमग्न; प्रशासन सतर्क

नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बीते कई दिनों से चले आ रहे बाढ़ के संकट में शुक्रवार सुबह से थोड़ी राहत मिली है। यमुना नदी का जलस्तर घटना शुरू हुआ है, लेकिन निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति अब भी बनी हुई है। प्रशासन ने नागरिकों से सतर्क रहने की अपील की है।
जलस्तर में गिरावट, मगर अलर्ट जारी
पुराने रेलवे पुल (लोहा पुल) पर शुक्रवार सुबह 7 बजे यमुना का जलस्तर 207.33 मीटर दर्ज किया गया, जो गुरुवार को दर्ज किए गए इस मौसम के सर्वोच्च स्तर 207.48 मीटर से नीचे है। अधिकारियों के मुताबिक, दिन ढलने तक जलस्तर में और गिरावट की संभावना है। हालांकि, नदी में पानी का बहाव अभी भी खतरनाक स्तर पर है, इसलिए प्रशासन ने लोगों से नदी के किनारे आने या किसी भी तरह की मनोरंजन गतिविधियों में शामिल होने से मना किया है।
हथनी कुंड बैराज से कम पानी छोड़ा जा रहा
दिल्ली में बाढ़ का मुख्य कारण हरियाणा के हथनी कुंड बैराज से लगातार पानी छोड़ा जाना रहा। बुधवार को यहाँ से 1.75 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जबकि सोमवार को यह आंकड़ा 3.29 लाख क्यूसेक था। एक क्यूसेक का मतलब है प्रति सेकंड 28 लीटर से अधिक पानी का प्रवाह। बैराज से पानी छोड़ने की दर कम होने से दिल्ली में स्थिति में सुधार की उम्मीद है।
निचले इलाकों में जीवन अस्त-व्यस्त
यमुना का जलस्तर खतरे के निशान (205.33 मीटर) से दो मीटर ऊपर जाने के कारण राजधानी के कई निचले इलाके पानी में डूब गए। यमुना बाजार, रिंग रोड और आसपास के areas में अभी भी जलभराव है। राजघाट से कश्मीरी गेट मार्ग बंद है, और निगम बोध घाट भी बंद करना पड़ा। मंगलवार शाम से ही लोहा पुल पर यातायात बंद है, और बुधवार सुबह से ट्रेनों का संचालन भी रोका गया है।
प्रशासन की तैयारियाँ
बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए दिल्ली के छह जिलों—उत्तर, उत्तर-पूर्व, शाहदरा, पूर्व, मध्य और दक्षिण-पूर्व—में विशेष इंतजाम किए गए हैं। एनडीआरएफ की टीमें प्रभावित क्षेत्रों में तैनात हैं। सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग लोहा पुल पर 24 घंटे निगरानी कर रहा है ताकि किसी भी आपात स्थिति से तुरंत निपटा जा सके।
नागरिकों के लिए सलाह
प्रशासन ने नागरिकों से अनुरोध किया है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और आधिकारिक सूचनाओं का पालन करें। साथ ही, नदी के किनारे या waterlogged areas में जाने से बचें।