गन्ना किसानों के लिए ऐतिहासिक फैसला! ICAR में बनेगी ‘गन्ना टास्क फोर्स’, हर समस्या का तलाशेगी हल

देश के करोड़ों गन्ना किसानों, खासकर उत्तर प्रदेश, हरियाणा और महाराष्ट्र जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों के किसानों के लिए केंद्र सरकार एक बड़ा ‘गिफ्ट’ लेकर आ रही है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गन्ना खेती में आने वाली हर छोटी-बड़ी समस्या का समाधान ढूंढने के लिए एक विशेष मिशन की घोषणा की है। इसके तहत भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के अंतर्गगत गन्ना शोध की गति तेज करने के लिए एक अलग और शक्तिशाली ‘गन्ना विशेष टीम’ या ‘टास्क फोर्स’ का गठन किया जाएगा।
क्या करेगी यह विशेष टीम?
यह टीम कोई सामान्य शोध दल नहीं होगी। केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि यह टीम गन्ना किसानों की व्यावहारिक समस्याओं पर सीधा ध्यान केंद्रित करेगी और एक नई, प्रभावी गन्ना नीति बनाने में मदद करेगी। उन्होंने कहा, “जिस रिसर्च का किसान को फायदा नहीं, उसका कोई मतलब नहीं है।”
टीम इन 5 बड़े मोर्चों पर करेगी काम:
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रोगों से मुकाबला: गन्ने की मौजूदा 238 किस्मों में ‘रेड रॉट’ जैसे रोगों के बढ़ते खतरे को रोकना और नई रोगरोधी किस्में विकसित करना प्राथमिकता होगी।
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मोनोक्रॉपिंग का तोड़: लगातार गन्ना की एक ही फसल उगाने (मोनोक्रॉपिंग) से मिट्टी की उर्वरता खत्म हो रही है। टीम इसका विकल्प ढूंढेगी और इंटरक्रॉपिंग (सह-फसल प्रणाली) को बढ़ावा देगी।
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पानी और लागत कम करना: ‘पर ड्रॉप मोर क्रॉप’ के सिद्धांत पर चलते हुए ड्रिप जैसी सिंचाई तकनीकों को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, मशीनीकरण से कटाई की लागत घटाने और मजदूरों की कमी दूर करने पर काम होगा।
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किसान की आय बढ़ाना: गन्ने से सिर्फ चीनी और एथेनॉल ही नहीं, बल्कि और भी मूल्यवर्धित उत्पाद (वैल्यू एडेड प्रोडक्ट्स) बनाने पर शोध किया जाएगा, ताकि किसानों की आमदनी बढ़ सके।
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भुगतान में देरी: चीनी मिलों द्वारा किसानों के भुगतान में हो रही देरी जैसे गंभीर मुद्दों का भी समाधान ढूंढा जाएगा।
किसानों को मिलेगा सीधा लाभ
इस पहल का मतलब है कि अब किसानों को उनकी परेशानियों के अनुरूप वैज्ञानिक समाधान मिलेंगे। फसल को नुकसान पहुंचाने वाले रोगों पर काबू पाया जा सकेगा, खेती की लागत कम होगी और आय के नए रास्ते खुलेंगे। यह घोषणा उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश के गन्ना किसानों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई है।