नोएडा में रामलीला का जबर्दस्त मंचन, भक्ति और संस्कृति का अनूठा संगम

रामलीला की प्रस्तुति में कुंभकरण वध, मेघनाथ वध, सुलोचना सती, नारांतक वध तक की लीलाओं का सुंदर और प्रभावशाली मंचन किया गया। मंचन की शुरुआत कुंभकरण को निंद्रा से जगाने से हुई, तत्पश्चात कुंभकरण ने रावण की संधि करने के लिए समझ परन्तु रावण ने अस्वीकार कर दिया और श्रीराम और कुंभकरण युद्ध में कुंभक का वध हुआ, मेघनाद अपनी शक्ति अर्जित करने के लिए निकुंभला देवी के मंदिर में पूजा करने हेतु निकला परन्तु वहां पर लक्ष्मण जी ने हनुमान एवं सेना सहित जाकर उसके हवन को खंडित कर दिया और मेघनाद का वध कर दिया, सुलोचना को मेघनाद की भुजा ने आकर सार हाल बताया, पति की मृत्यु से आहत सुलोचना अपने पति का शीश लेना रामदल में पहुंची, रावण ने नृतक को युद्ध के लिए भेजा परन्तु सुग्रीव पुत्र दधिबल ने उसका भी वध कर दिया.
श्रीराम के रूप में अभिमन्यु चौधरी
लक्ष्मण के रूप में गर्व गुप्ता
हनुमानजी के रूप में मोहित शर्मा
रावण की भूमिका में – अमित शर्मा
मेघनाद की भूमिका में – मनीष
सुलोचना के रूप में युगांक्षा
कुंभकरण के रूप में नीटू
नारांतक के रूप में सनी
विभीषण की भूमिका में महेश
सुग्रीव की भूमिका में नितिन
प्रत्येक कलाकार ने अपने चरित्र में पूरी निष्ठा और भाव-भंगिमा से जान फूंक दी, जिससे दर्शकों ने भावविभोर होकर बार-बार तालियों से स्वागत किया। मंच पर प्रस्तुत दृश्य केवल नाटकीय नहीं थे, बल्कि उनमें सनातन संस्कृति धर्म, भक्ति और जीवन मूल्यों की सजीव झलक देखने को मिली। समिति के सदस्यों ने दर्शकों से आग्रह किया कि वे आगामी लीलाओं में भी सपरिवार उपस्थित होकर इस पावन आयोजन का आनंद ले।
आज मंचन के दौरान डा. टी.एन. गोविल, टी एन चौरसिया, अल्पेश गर्ग, अतुल मित्तल, अनुज गुप्ता, सत्यनाराययण गोयल, संजय गोयल, पंकज जिंदल, विपिन बंसल, राजीव अजमानी, प्रदीप अग्रवाल, संजय गुप्ता, सुशील भारद्वाज, मित्रा शर्मा, चंद्रपाल सिंह, शुभकरण सिंह राणा, रमेश कुमार, चितरंजन कुमार, कुलदीप गोयल, के के दत्ता, पीयूष द्विवेदी, परवेश बंसल, महेश चौहान, पुष्कर शर्मा, उपस्थित रहें।