नोएडा में यमुना का कहर जारी, 5000 फार्महाउस जलमग्न; अगले 72 घंटे और खतरनाक

नोएडा : भारी बारिश और ओखला बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा के यमुना किनारे बसे इलाके बाढ़ की चपेट में हैं, जबकि हरनंदी नदी में ‘बैक फ्लो’ शुरू होने से स्थिति और भी गंभीर हो गई है।
मुख्य बिंदु:
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ओखला बैराज से 2.44 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है
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यमुना का जलस्तर 207.47 मीटर पहुंचा, जो खतरे के निशान से ऊपर
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हरनंदी नदी में बैक फ्लो शुरू, जलस्तर 201 मीटर के पास
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सेक्टर 133, 134, 135, 168 सहित 150+ इलाके प्रभावित
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लगभग 5000 फार्महाउस जलमग्न, फसलें बर्बाद
लापरवाही बढ़ा रही खतरा:
सेक्टर-135 जैसे डूबे हुए इलाकों में लोग अभी भी कार और ट्रैक्टर से अपना सामान निकालने जा रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि पिछले साल के विपरीत, इस बार खतरे वाले जोन में पर्याप्त बैरिकेडिंग नहीं की गई है। नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डॉ. लोकेश एम. ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी कीमत पर डूबे हुए इलाकों में न जाएं।
राहत और बचाव के उपाय:
नोएडा प्राधिकरण ने बाढ़ पीड़ितों के लिए आठ आश्रय स्थल बनाए हैं, जहां भोजन और अन्य बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। अब तक 2000 से अधिक लोग इन शिविरों में रहने को मजबूर हैं। पुश्ता किनारे एक अतिरिक्त अस्थाई टेंट भी लगाया जा रहा है।
आने वाले 72 घंटे चिंताजनक:
मौसम विभाग ने अगले 72 घंटों में भारी बारिश की चेतावनी दी है। उत्तर प्रदेश सिंचाई नाले में यमुना के पानी के बैक फ्लो के कारण रेगुलेटर के गेट बंद करने पड़े हैं, जिससे शहर का सीवरेज सिस्टम प्रभावित हो रहा है। भारी बारिश होने पर नाले के ओवरफ्लो होने का खतरा है, जिससे नोएडा के आवासीय सेक्टरों में भी जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
स्थानीय निवासी कलावती ने बताया, “2023 में भी हम फंसे थे, इस बार समय से आ गए, लेकिन करीब दो लाख रुपये की फसल बर्बाद हो गई। बार-बार की बाढ़ ने हमें परेशान कर दिया है।”
प्रशासन द्वारा पूरी तरह से सतर्कता बरती जा रही है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम जारी है। हालांकि, आने वाले घंटे नोएडा वासियों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकते हैं।